भारत में प्रथम महिला | List of India’s First Women in Hindi PDFGeneral Knowledge by Gyan Raja - March 1, 2022March 6, 20220भारत में प्रथम महिला आज के इस पोस्ट भारत की प्रथम महिला| List of India's First Women in Hindi- हम उन सभी महिलाओं के बारे में चर्चा करेंगे जिन्होंनेभारत में किसी कार्य को सर्वप्रथम किया हो। इस पोस्ट में भारत की प्रथम महिला राजदूत, भारत की पहली महिला, भारत की प्रथम महिला विदेश मंत्री, भारत की प्रथम महिला विदेश सचिव तथा भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री के बारे में जानेंगे भारत में प्रथम महिलाप्रशासनराष्ट्रपति पद की प्रथम महिला उम्मीदवार मनोहारा होल्कर (1967)प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (2007)प्रथम महिला प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी (1966) प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार (2009)राज्यसभा की प्रथम महिला उप-सभापति वॉयलेट हरि अल्वा (1962)प्रथम महिला मुख्यमन्त्री श्रीमती सुचेता कृपलानी (उत्तर प्रदेश, 1963-67)प्रथम महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू (उत्तर प्रदेश)प्रथम महिला राजदूत श्रीमती विजयालक्ष्मी पण्डित (1947, सोवियत संघ)प्रथम महिला सांसद राधाबाई सुब्बारायणकेन्द्रीय मन्त्री बनने वाली प्रथम महिला राजकुमारी अमृत कौर (1947)प्रथम महिला विदेशी मन्त्री सुषमा स्वराज (2014)प्रथम महिला मेयर तारा चेरियन (मद्रास)राज्यसभा में नामांकित प्रथम अभिनेत्री नरगिस दत्त (1980)प्रमुख नियुक्तियाँभारतीय राष्ट्रीय
भारत में प्रथम (भारत में प्रथम कब, क्या चालू हुआ)General Knowledge by Gyan Raja - March 1, 2022March 6, 20220भारत में प्रथम भारत मे प्रथम क्या से क्या हुआ से सम्बंधित सामान्य ज्ञान (General Knowledge)। Bharat mein Pratham kya se kya hua se sambandhit samanya gyan Hindi me. नीचे दिए गए लेख में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शासन, रक्षा, खेल और वास्तुकला के क्षेत्र में उपलब्धियों की सूची की जानकारी शामिल है। भारत में प्रथमजनांकिकी प्रथम जनगणना 1872 ई. मेंनियमित दशकीय जनगणना 1881 ई. से प्रारम्भसमाचार-पत्र एवं पत्रिकाप्रथम अंग्रेजी समाचार-पत्र बंगाल गजट (जेम्स अगस्टस हिक्की) (कलकत्ता, 1780)प्रथम फारसी पत्रिका मीरात-उल-अकबर (राजा राममोहन राय, 1822)प्रथम देशी भाषायी दैनिक समाचार दर्पण (बांग्ला, 1818)प्रथम हिन्दी समाचार-पत्र उदन्त मार्तण्ड (1826)प्रथम संध्या समाचार-पत्र मद्रास मेल (1868)प्रथम उर्दू समाचार-पत्र जाम-ए-जहान नामा (1822)संचारप्रथम जनरल पोस्ट ऑफिस कलकत्ता जी पी ओ (1774)प्रथम तार लाइन डायमण्ड हार्बर से कलकत्ता (1851)भारत में टेलीफोन लाइन का प्रारम्भ 1851 ई. मेंप्रथम अन्तर्राष्ट्रीय दूरसंचार सेवा बम्बई से लन्दन (1851)प्रथम यात्री रेलगाड़ी बम्बई से थाणे (1853)प्रथम हवाई डाक सेवा इलाहाबाद से नैनी (1911)प्रथम एयर लाइन इम्पीरियल एयरवेज (1924)प्रथम मेट्रो रेलगाड़ी कलकत्ता मेट्रो (1984)प्रथम ब्रेललिपि कोच पुरुषोत्तम एक्सप्रेसवाई-फाई सुविधा युक्त प्रथम रेलगाड़ी दिल्ली-हावड़ा राजधानी एक्सप्रेसप्रथम
विश्व में प्रथम | First in WorldGeneral Knowledge by Gyan Raja - March 1, 2022March 7, 20220विश्व में प्रथम विश्व में प्रथम क्या से क्या हुआ से सम्बंधित सामान्य ज्ञान (General Knowledge)। Vishv mein Pratham kya se kya hua se sambandhit samanya gyan Hindi me. नीचे दिए गए लेख में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शासन, रक्षा, खेल और वास्तुकला के क्षेत्र में उपलब्धियों की सूची की जानकारी शामिल है। विश्व में प्रथमवैधानिक पहलसंविधान का निर्माण करने वाला प्रथम देश अमेरिकामृत्युदण्ड को समाप्त करने वाला प्रथम देश वेनेजुएलामहिलाओं को मताधिकार देने वाला प्रथम देश न्यूजीलैण्डसूचना का अधिकार लागू करने वाला प्रथम देश स्वीडनलोकपाल नियुक्त करने वाला प्रथम देश स्वीडनधूम्रपान पर पाबन्दी लगाने वाला प्रथम देश आयरलैण्डकार्बन टैक्स लगाने वाला प्रथम देश न्यूजीलैण्डप्लास्टिक मुद्रा जारी करने वाला प्रथम देश ऑस्ट्रेलिया परिवार नियोजन लागू करने वाला प्रथम देश भारतवैल्यू ऐडेड टैक्स' (VAT) लागू करने वाला प्रथम देश ब्राजील, डेनमार्क एवं जर्मनी '‘इच्छा मृत्यु' को कानूनी मान्यता देने वाला प्रथम देश नीदरलैण्ड समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाला प्रथम देश नीदरलैण्डपशुओं के अधिकारों को संवैधानिक मान्यता देने वाला प्रथम देश स्विट्जरलैण्डभारत के साथ 'नागरिक परमाणु समझौता करने वाला
सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलनGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 20, 2022February 24, 20220सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलन भारत में सामाजिक-धार्मिक क्षेत्र में अनेक बुराइयाँ मौजूद थीं। 19वीं शताब्दी में अंग्रेज़ों एवं भारतीयों ने इन्हें दूर करने के लिए अनेक प्रयास किए, जिसके लिए अनेक समाज सुधारकों ने समाज सुधार हेतु आन्दोलन चलाए। भारत में शुरू हुए सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलनों के पीछे मुख्य कारण नवचेतना का उद्भव था। प्रमुख सुधार आन्दोलन धर्म में सुधार की प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलनों का विवरण निम्नलिखित है ब्रह्म समाज ब्रह्म समाज की स्थापना 20 अगस्त 1828 को कलकत्ता में राजा राममोहन राय ने की थी। ब्रह्म समाज स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज में फैली विभिन्न बुराइयों-सती प्रथा, जातिवाद, अस्पृश्यता एवं बहुविवाह आदि का उन्मूलन करना था। इन्हीं के प्रयासों से लॉर्ड विलियम बैण्टिक ने 1829 ई. में एक कानून बनाकर सती प्रथा को प्रतिबन्धित कर दिया। राजा राममोहन राय ने भारतीय पत्रकारिता के लिए भी विशेष प्रयास किए थे, उन्हें पत्रकारिता का
भारत में प्रेस एवं शिक्षा का विकासGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 20, 2022February 24, 20221भारत में प्रेस एवं शिक्षा का विकास भारत में यूरोपियों के आगमन के सिर्फ नकारात्मक पक्ष ही नहीं, बल्कि कुछ सकारात्मक पक्ष भी थे। आधुनिक भारत में प्रेस एवं शिक्षा के विकास को इन्हीं सन्दर्भो में समझा जा सकता है। प्रेस एवं शिक्षा के विकास में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के शासन का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा, जिसने अन्तत: भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के उद्भव में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। समाचार पत्रों का मुख्य कार्य सरकार की नीतियों को जनता तक पहुँचाना तथा जनता की आवश्यकताओं को सरकार तक पहुँचाना था। प्रेस का विकास भारत में प्रेस का विकास एक युगान्तरकारी घटना थी। इसके विकास से भारत में जहाँ एक ओर विचारों की अभिव्यक्ति को माध्यम मिला, वहीं इसने देश में अन्धविश्वासों, कुरीतियों एवं अज्ञानता के विरुद्ध मुहिम भी चलाई। राष्ट्रीय विचारधारा के प्रचार-प्रसार में तो इसका अतुलनीय योगदान रहा। इसके विकास में विदेशियों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। अन्तत: यह इन्हीं विदेशियों की सत्ता को
वर्ष 1947 से 1964 तक का भारतGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 19, 2022February 22, 20220वर्ष 1947 से 1964 तक का भारत स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् देश के समक्ष अनेक चुनौतियाँ थीं। सबसे बड़ी चुनौती थी, देश की एकता व अखण्डता को सुनिश्चित रखते हुए एक राष्ट्र के रूप में भारत का पुनर्निर्माण। इसके पश्चात् के वर्षों में अनेक महत्त्वपूर्ण घटनाएं घटीं, जिनकी भारत की वर्तमान दशा तथा दिशा को निश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। स्वतन्त्रता के पश्चात् समस्याएँ/चुनौतियाँ स्वतन्त्रता के पश्चात् भारत की प्रमुख राजनीतिक समस्याएँ निम्नलिखित थींशरणार्थियों का पुनर्वास राज्यों का पुनर्गठन भाषायी समस्या केन्द्रीयकरण बनाम क्षेत्रीयतावाद की समस्या देशी राज्यों का भारतीय संघ में विलय स्वतन्त्र विदेश नीति के संचालन की समस्यास्वतन्त्रता के पश्चात् भारत की प्रमुख आर्थिक समस्याएँ निम्नलिखित थींकृषि का तकनीकी दृष्टि से पिछड़ापन कृषि में सामन्ती सम्बन्धों की समस्या बेरोजगारी की समस्या उद्योगों का अल्प विकास ग्रामीण गरीबी और ऋणग्रस्तता की समस्या आधारभूत संरचनाओं का अल्प विकासस्वतन्त्रता के पश्चात् भारत की प्रमुख सामाजिक समस्याएँ निम्नलिखित थींसम्प्रदायवाद
अलगाववादी राजनीति के बारे में सम्पूर्ण जानकारीGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 9, 2022February 14, 20220अलगाववादी राजनीति आधुनिक भारत के इतिहास में अलगाववादी राजनीति का उदय ब्रिटिश काल से आरम्भ होता है। इस अलगाववादी विचारधारा वाली राजनीति के उत्थान तथा विकास की जड़ें भारत में साम्प्रदायिकता के उदय तथा विकास में मिलती हैं। अलगाववादी राजनीति की परिणति अन्तत: भारत के विभाजन के रूप में हुई।भारतीय राष्ट्रीय राजनीति में अलगाववादी प्रवृत्तियों की मुख्य वजह साम्प्रदायिकता का विकास रहा। प्रबुद्ध अल्पसंख्यक मुसलमानों द्वारा अंग्रेज़ों की विभाजनकारी नीतियों के प्रभाव में आकर बहुसंख्यक हिन्दुओं के व्यापार, उद्योग, सरकारी नौकरियों, शिक्षा तथा व्यवसाय में प्रभुत्व के विरोध स्वरूप अलगाववादी प्रवत्तियों का प्रसार किया। स्कूलों और महाविद्यालयों में इतिहास विषय की शिक्षण पद्धति ने भी सम्प्रदायवादी विचारों को प्रबल बनाया। ऐसे ही अनेक कारण रहे जिन्होंने अलगाव या साम्प्रदायिकता को जन्म दिया। साम्प्रदायिकता का अर्थ साम्प्रदायिकता या साम्प्रदायिक विचारधारा के तीन तत्त्व या चरण होते हैं और उनमें एक तारतम्य होता है। प्रथम चरण में यह विश्वास होता है कि एक ही