सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलनGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 20, 2022February 24, 20220सामाजिक-धार्मिक सुधार आन्दोलन भारत में सामाजिक-धार्मिक क्षेत्र में अनेक बुराइयाँ मौजूद थीं। 19वीं शताब्दी में अंग्रेज़ों एवं भारतीयों ने इन्हें दूर करने के लिए अनेक प्रयास किए, जिसके लिए अनेक समाज सुधारकों ने समाज सुधार हेतु आन्दोलन चलाए। भारत में शुरू हुए सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलनों के पीछे मुख्य कारण नवचेतना का उद्भव था। प्रमुख सुधार आन्दोलन धर्म में सुधार की प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलनों का विवरण निम्नलिखित है ब्रह्म समाज ब्रह्म समाज की स्थापना 20 अगस्त 1828 को कलकत्ता में राजा राममोहन राय ने की थी। ब्रह्म समाज स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज में फैली विभिन्न बुराइयों-सती प्रथा, जातिवाद, अस्पृश्यता एवं बहुविवाह आदि का उन्मूलन करना था। इन्हीं के प्रयासों से लॉर्ड विलियम बैण्टिक ने 1829 ई. में एक कानून बनाकर सती प्रथा को प्रतिबन्धित कर दिया। राजा राममोहन राय ने भारतीय पत्रकारिता के लिए भी विशेष प्रयास किए थे, उन्हें पत्रकारिता का