भारत का संवैधानिक विकासGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 6, 2022February 12, 20220भारत का संवैधानिक विकास संवैधानिक विकास की पृष्ठभूमि किसी भी देश का संविधान एक दिन में नहीं बनाया जा सकता है, अपितु यह एक ऐतिहासिक विकास का परिणाम माना जाता है। ऐतिहासिक प्रक्रिया के सम्पूर्ण ज्ञान के अभाव में संविधान का भली-भाँति अध्ययन नहीं किया जा सकता है। भारत में संविधान परम्परा का विकास अंग्रेजों के आगमन के समय से ही प्रारम्भ हो गया। आधुनिक राजनीतिक संस्थाओं का उद्भव एवं विकास भी इसी काल में हुआ। भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल 1600 ई. से आरम्भ होता है। इसी वर्ष इंग्लैण्ड में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना की गई।स्वतन्त्रता के बाद भारतीय संविधान का स्वदेशीय स्वरूप समाने आया। इसके निर्माण में उनके विद्वानों ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों से उन प्रावधानों को भारतीय संविधान में शामिल किया गया, जो भारत के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक परिदृश्यों के अनुकूल थे। प्रारम्भ में ब्रिटिश शासकों द्वारा
सिन्धु घाटी (हड़प्पा) सभ्यता की पूरी जानकारीGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 3, 2022February 9, 20220सिन्धु घाटी (हड़प्पा) सभ्यता कॉस्ययुगीन, आद्य ऐतिहासिक कालीन हड़प्पा अथवा सिन्धु घाटी सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं (टिगरिस और यूफ्रेट्स के तट पर मेसोपोटामिया, नील नदी के तट पर मिस्र तथा हांगहो के तट पर चीन की सभ्यता) में से एक है। रेडियो कार्बन (C-14) पद्धति के आधार पर इसका काल 2600 ई.पू.से 1900 ई.पू. के बीच निर्धारित किया गया है। उद्भव एवं विस्तार सिन्धु घाटी सभ्यता भारतीय उप महाद्वीप में प्रथम नगरीय क्रान्ति' की अवस्था को दर्शाती है। सर्वप्रथम चाल्स मेन्सन ने 1826 ई. में हड़प्पा नामक स्थल पर एक प्राचीन सभ्यता के दबे होने की बात लिखी। भारतीय पुरातत्व के जनक माने जाने वाले अलेक्जेण्डर कनिंघम ने यहाँ का अवलोकन किया, लेकिन इस स्थल के महत्त्व को समझा नहीं जा सका। वर्ष 1921 में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अध्यक्ष जॉन मार्शल के निर्देशन में हड़प्पा स्थल का ज्ञान हुआ। सर्वप्रथम हड़प्पा की खोज के कारण इसका नाम हड़प्पा सभ्यता
भारत के प्रमुख शहरों के भौगोलिक उपनामGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 2, 2022February 10, 20220भारत के प्रमुख शहरों के भौगोलिक उपनाम भारत का भौगोलिक उपनाम उनके प्रसिद्ध उत्पादन और शहर की संस्कृति के अनुसार विभिन्न शहरों, स्थानों और राज्यों का निश्चित नाम है। किसी शहर या स्थान का निश्चित नाम इंगित करता है कि वह किसके लिए प्रसिद्ध है। भौगोलिक उपनामों पर सामान्य सूद टीईटी, यूपीएससी, आईपीबीएस, आरआरबी, एसबीआई पीओ और क्लर्क, आरबीआई, रेलवे, डाक और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भौगोलिक उपनामों के तहत यहां कुछ सामान्य ज्ञान हैं। इस पोस्ट में आपको भौगोलिक उपनाम दिए गए हैं। हम जल्द ही इस विषय पर एक प्रश्नोत्तरी भी प्रकाशित करेंगे। भारत के प्रमुख शहरों के भौगोलिक उपनामईश्वर का निवास स्थान →प्रयाग पांच नदियों की भूमि →पंजाब सात टापुओं का नगर →मुंबई बुनकरों का शहर →पानीपत अंतरिक्ष का शहर →बेंगलुरू डायमंड हार्बर →कोलकाता इलेक्ट्रॉनिक नगर →बेंगलुरू त्योहारों का नगर →मदुरै स्वर्ण मंदिर का शहर →अमृतसर महलों का शहर →कोलकाता नवाबों का शहर →लखनऊ
भारत में प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 2, 2022February 9, 20220भारत में प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँ नए मानव के विकास के क्रम में प्रारम्भिक अवस्था को प्रागैतिहास के नाम से जाना जाता है। इस दौरान विभिन्न प्रकार के आविष्कार मानव जीवन का हिस्सा बने। इस काल के लोग सामान्यत: आखेटक और भोजन संग्राहक थे तथा पत्थर के औजारों का प्रयोग करते थे। मानव का विकास आदिमानव के इतिहास की जानकारी मानव के जीवाश्मों (Fossils), पत्थर के औजारों और गुफाओं की चित्रकारियों की खोजों से मिलती है। चार्ल्स डार्विन ने अपनी पुस्तक 'ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज' (On the Origin of Species) में स्पष्ट किया है कि मानव बहुत समय पहले जानवरों से ही क्रमिक रूप से विकसित होकर अपने वर्तमान रूप में आया है। प्राप्त जीवाश्मों को होमो हैबिलिस (औजार बनाने वाले), होमो एरेक्ट्स (सीधे खड़े होकर पैरों के बल चलने वाले) और होमो सेपियन्स (प्राज्ञ या चिन्तनशील मानव) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। मनुष्य का उद्भव स्थान अफ्रीका माना जाता है,
प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत | Sources of Ancient Indian HistoryGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 2, 2022February 9, 20220प्राचीन भारतीय इतिहास के स्रोत साहित्यिक और पुरातत्व अभिलेख दो मुख्य श्रेणियां हैं जो प्राचीन भारतीय इतिहास का प्रमाण देती हैं।साहित्यिक स्रोत में अन्य विदेशी खातों के साथ वैदिक, संस्कृत, पाली, प्राकृत और अन्य साहित्य का साहित्य शामिल है। पुरातात्विक स्रोत में पुरालेख, मुद्राशास्त्र और अन्य स्थापत्य अवशेष शामिल हैं। पुरातात्विक खोज और उत्खनन ने नई जानकारी के महान परिदृश्य खोले हैं। भारत का नामकरण अपने देश के लिए हम प्राय: इण्डिया अथवा भारत जैसे नामों का प्रयोग करते हैं। इण्डिया शब्द 'इण्डस' से निकला है, जिसे संस्कृत में सिन्धु कहा जाता है। भारतवर्ष नाम सर्वप्रथम पाणिनी की अष्टाध्यायी में उल्लेखित है। खारवेल के हाथी गुम्फा अभिलेख में भी भारतवर्ष का उल्लेख है। भारत देश का यह नामकरण ऋग्वैदिक काल के प्रमुख जन 'भरत' के नाम पर किया गया। एक अन्य मान्यता के अनुसार देश का यह नाम प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव के ज्येष्ठ पुत्र भरत के नाम पर किया गया। ब्राह्मण ग्रन्थों
सती प्रथा क्या है General Knowledge by Gyan Raja - February 1, 2022February 3, 20220सती प्रथा क्या है सती या सुती एक प्रतिबंधित अंतिम संस्कार प्रथा है, जहां एक विधवा या तो स्वेच्छा से या मजबूरी से अपने पति की चिता पर आत्मदाह (अनुमरण या अनुगमन) करती है, या अपने पति की मृत्यु के बाद किसी अन्य तरीके से आत्महत्या करती है। ऐसा माना जाता है कि यह उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में योद्धा अभिजात वर्ग से उभरा और बाद में दक्षिण पूर्व एशिया के कई क्षेत्रों में पाया गया। राम मोहन राय और विलियम कैरी जैसे सुधारकों के अथक अभियानों ने भारत में सती प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसकी शुरुआत 1829 में बंगाल सती विनियमन के पारित होने से हुई। बाद में, सती (रोकथाम) अधिनियम, 1987 को अधिनियमित किया गया, जो किसी भी प्रकार की सहायता, और सती प्रथा का महिमामंडन करना प्रोत्साहन को प्रतिबंधित करता है। सती प्रथा कैसे और क्यों अस्तित्व में आई? सती की उत्पत्ति अभी भी बहस का विषय है। इस
भारत में प्रसिद्ध स्थल की सूचीGeneral Knowledge by Gyan Raja - January 31, 20220भारत में प्रसिद्ध स्थल की सूची भारत कला और संस्कृति का घर है। भारत के कुछ प्रसिद्ध स्थान विश्व के प्रसिद्ध स्मारक भी हैं। भारत की संस्कृति में इसके विभिन्न रंग हैं। भारत के प्रसिद्ध स्थानों और इसकी संस्कृति के बारे में अधिक जानने के लिए, आइए आगे के लेख को देखें! भारत दुनिया की कुछ प्रमुख संस्कृतियों और धर्मों का जन्मस्थान है। भारत में विभिन्न विश्व धरोहर स्थलों की अद्वितीय सांस्कृतिक चमक दुनिया भर के यात्रियों को आकर्षित करती है। भारत की विविधता सांस्कृतिक विरासतों और धर्मों के समामेलन से आती है। देश में कई विश्व धरोहर स्थल हैं जिनका आकर्षक प्रभाव है और जो लंबे समय से विश्व स्तर पर पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। भारत की सांस्कृतिक विरासत को समेटने और बनाने वाली असंख्य परंपराओं और संस्कृतियों के साथ, आप उनसे परिचित होने के लिए रोमांचित होंगे। हमने भारत के कुछ सांस्कृतिक स्थानों को सूचीबद्ध किया