भारत में प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 2, 2022February 9, 20220भारत में प्रागैतिहासिक संस्कृतियाँ नए मानव के विकास के क्रम में प्रारम्भिक अवस्था को प्रागैतिहास के नाम से जाना जाता है। इस दौरान विभिन्न प्रकार के आविष्कार मानव जीवन का हिस्सा बने। इस काल के लोग सामान्यत: आखेटक और भोजन संग्राहक थे तथा पत्थर के औजारों का प्रयोग करते थे। मानव का विकास आदिमानव के इतिहास की जानकारी मानव के जीवाश्मों (Fossils), पत्थर के औजारों और गुफाओं की चित्रकारियों की खोजों से मिलती है। चार्ल्स डार्विन ने अपनी पुस्तक 'ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज' (On the Origin of Species) में स्पष्ट किया है कि मानव बहुत समय पहले जानवरों से ही क्रमिक रूप से विकसित होकर अपने वर्तमान रूप में आया है। प्राप्त जीवाश्मों को होमो हैबिलिस (औजार बनाने वाले), होमो एरेक्ट्स (सीधे खड़े होकर पैरों के बल चलने वाले) और होमो सेपियन्स (प्राज्ञ या चिन्तनशील मानव) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। मनुष्य का उद्भव स्थान अफ्रीका माना जाता है,