शब्द विचार | शब्द की परिभाषा | शब्दों का वर्गीकरणहिंदी व्याकरण by Gyan Raja - May 14, 2021May 15, 20210 शब्द विचार | शब्द की परिभाषा शब्द का निर्माण ध्वनियों अथवा वर्णो के मेल से होता है लेकिन वर्णो को एक सार्थक क्रम में रखने से ही शब्द बनते है; जैसे क + म + ल + कमल जब हम कमल कहेंगे तो एक फूल का बोध होगा। यदि वर्णो को आगे पीछे करके क्रम बदल दिया जाए, तब ये कोई अर्थ प्रकट नहीं करेंगे और शब्द नहीं कहलाएंगे। जैसे – ल + म + क = लमक। इसका कोई अर्थ नहीं है।शब्द की परिभाषादो या दो से अधिक वर्णो के सार्थक मेल को शब्द कहते है। भाषा में वर्ण के बाद सबसे छोटी इकाई शब्द होती है।उदाहरण: एक वर्ण से निर्मित शब्द = न (जिसका अर्थ नहीं होता है)।एक से अधिक वर्णो से निर्मित शब्द = आप, वह, कोई आदि। शब्द के कितने भेद हैशब्द के निम्न भेद है। जिनका विस्तृत विवरण इस प्रकार है-उत्पति आधार पररचना आधार परप्रयोग आधार परअर्थ के आधार पर उत्पति के आधार पर शब्दतत्सम शब्दतद्भव शब्ददेशज शब्दविदेशज शब्दतत्सम शब्द- संस्कृत भाषा के जो शब्द हिंदी भाषा में ज्यों के त्यों प्रयोग में लिए जाते है, तत्सम शब्द कहलाते है; जैसे ग्राम, सर्प, सूर्य, प्रथम, सुमन, आदि। तद्भव शब्द- संस्कृत भाषा के वे शब्द, जो रूप परिवर्तन के साथ हिंदी में प्रयोग किए जाते है, तद्भव शब्द कहलाते है; जैसे गाँव (ग्राम), सांप (सर्प), पहला (प्रथम) आदि।देशज शब्द- वे शब्द जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में बोले जाने वाली विभिन्न बोलियों से लिए और ग्रहण किए जाते है, वे देशज शब्द कहलाते है; जैसे पगड़ी , झाड़ू आदिविदेशज शब्द- वे शब्द जो विभिन्न विदेशी भाषाओ से ग्रहण किए जाते है, वे विदेशज शब्द कहलाते है; जैसे स्कूल, स्टेशन,स्टैंड, सब्जी आदि रचना के आधार पर शब्दरूढ़ शब्दयौगिक शब्दयोगरूढ़ शब्दरूढ़ शब्द- जिन शब्दों के टुकड़े ना किए जा सके वे रूढ़ शब्द कहलाते है यदि इन्हे खंडित किया जाए तो इनका कोई अर्थ नहीं निकलेगा जैसे घर, घोडा, कवि,दिन, रात आदि। इन शब्दों को मूल शब्द भी कहा जाता है।यौगिक शब्द- ये वे शब्द होते जो दो शब्दों के योग से बनते है। इन शब्दों का विच्छेद आसानी से हो जाता है, जैसे घुड़+सवार, डाक +घर, विद्या +आलय योगरूढ़ शब्द- दो शब्दों के योग से बने वे शब्द जो किसी अर्थ विशेष में रूढ़ हो जाते है, योगरूढ़ शब्द कहलाते हैजैसे ‘जलज’ का शाब्दिक अर्थ होता है ‘जल से उत्पन्न हुआ’। जल मेँ कई चीजेँ व जीव जैसे – मछली, मेँढ़क, जोँक, सिँघाड़ा आदि उत्पन्न होते हैँ, परन्तु ‘जलज’ अपने शाब्दिक अर्थ की जगह एक अन्य या विशेष अर्थ मेँ ‘कमल’ के लिए ही प्रयुक्त होता है। अतः यह योगरूढ़ है।प्रयोग के आधार पर शब्दविकारी शब्दअविकारी शब्दविकारी शब्द- वे शब्द जिनके रूप में लिंग, वचन तथा काल के कारण परिवर्तन हो जाता है, विकारी शब्द कहलाते है। संज्ञा, सवर्नाम, विशेषण व क्रिया– ये 4 प्रकार के विकारी शब्द होते है।अविकारी शब्द- वे शब्द जिनके रूप में लिंग, वचन तथा काल के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता अविकारी शब्द कहलाते है। इन्हे अव्यय भी कहा जाता है। क्रिया विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक व विस्मयादिबोधक ये चार प्रकार के अविकारी शब्द होते है।अर्थ के आधार पर शब्दसार्थक शब्दनिरर्थक शब्दसार्थक शब्द :- वे शब्द जिनका कोई सार्थक अर्थ निकलता हो , सार्थक शब्द कहलाते है। जैसे – कमल , नयन , राम , कुर्सी आदि।निरर्थक शब्द :- वे शब्द जिनका कोई सार्थक अर्थ नहीं निकलता है , निरर्थक शब्द कहलाते है। जैसे – मकाल , नमल , रषिकु आदि।तो दोस्तों यहा इस पृष्ठ पर शब्द विचार | शब्द की परिभाषा के बारे में बताया गया है ये आपको कैसा लगा comment करके हमें जरुर बताएं। अगर ये आपको पसंद आया हो तो इस पोस्ट को अपने friends के साथ social media में share जरूर करे। ताकि वे भी शब्द विचार | शब्द की परिभाषा के बारे में जान सके। और नवीनतम अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहे।हिंदी व्याकरण