1857 का विद्रोहGeneral Knowledge by Gyan Raja - February 8, 2022February 12, 202201857 का विद्रोह 1857 ई. के विद्रोह को ब्रिटिश भारत के औपनिवेशिक इतिहास का महाविभाजक काल कहा जाता है। 1757 ई. के प्लासी के युद्ध कम्पनी के राजनैतिक प्रभाव की जो शुरुआत हुई थी, वह 1858 ई. में भारत को ब्रिटिश ताज के अन्तर्गत लाने के साथ समाप्त हो गई। भारत में ब्रिटिश शासन के प्रथम सौ वर्षों में कई बार ब्रिटिश सत्ता को भारतीयों से चुनौतियाँ मिली, जिसमें अनेक सैनिक, असैनिक उपद्रव एवं स्थानीय बगावतें सम्मिलित थीं।1857 ई. के विद्रोह को मात्र तात्कालिक कारणों के अन्तर्गत न देखकर इसे व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखे जाने की आवश्यकता है। विद्रोह को जन्म देने वाले कारणों में राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक सभी जिम्मेदार हैं। 1867 ई. का विद्रोह सिपाहियों के असन्तोष का परिणाम मात्र नहीं था। वास्तव में, यह भारत में औपनिवेशिक शासन के चरित्र, नीतियों और उसके कारण कम्पनी के शासन के प्रति जनता में संचित असन्तोष तथा विदेशी शासन के