व्याकरण किसे कहते हैं और इसके कितने भेद हैहिंदी व्याकरण by Gyan Raja - May 11, 2021May 11, 20210 व्याकरण किसे कहते हैं और इसके कितने भेद है आज हम व्याकरण किसे कहते हैं जानेंगे अगर आपको व्याकरण के बारे मे पूरी जानकारी चाहिए तो इस पेज को लास्ट तक पढते रहिए। इस पृष्ठ मे हम व्याकरण की परिभाषा, व्याकरण के प्रकार सबके बारे में यहां बताएंगे। तो आइये पढ़े की vyakaran kise kahate hain व्याकरण की परिभाषा व्याकरण उस शास्त्र को कहते हैं जिसके पढ़ने से मनुष्य किसी भी भाषा को शुद्ध लिखना और बोलना सीखता हैं। व्याकरण के प्रकारहिंदी व्याकरण के प्रकारवर्ण विचारशब्द विचारवाक्य विचारवर्ण विचार किसे कहते हैवर्ण विचार व्याकरण का वह भाग है, जिसमे अक्षरों या वर्णों के उच्चारण, आकार, भेद तथा उनसे शब्द बनाने के नियमों का वर्णन हो।वर्णमाला के दो भाग हैंस्वरव्यंजनस्वर किसे कहते हैं?जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता है, अर्थात जिन वर्णों को हम बिना किसी दुसरे वर्णों की सहायता के बोल सकते है, उन्हें स्वर कहते हैं।स्वर – अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ऐ,ओ,औस्वर तीन प्रकार के होते हैंह्रस्व स्वरदीर्घ स्वरप्लुत स्वरह्रस्व स्वर- सबसे कम समय (एक मात्रा का समय) में बोले जाने वाले स्वर को ह्रस्व स्वर कहते हैं। जैसे- अ, इ, उदीर्घ स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में अधिक समय (दो मात्रा का समय) लगता है उसे दीर्घ स्वर कहते हैं। जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औप्लुत स्वर- जिस स्वर के उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी ज़्यादा (तीन मात्रा) का समय लगता है, उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। इसका प्रयोग किसी को पुकारने अथवा संवाद में किया जाता है। जैसे- रा ऽ-ऽ ऽ म, ओउम्।व्यंजन किसे कहते हैं?जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी दुसरे वर्णों के नहीं हो सकता उन्हें व्यंजन कहते हैं। अर्थात स्वर की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण व्यंजन कहलाते हैं।व्यंजन – क, ख, ग, घ, ङ च, छ, ज, झ, ञ ट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़ त, थ, द, ध, न प, फ, ब, भ, म य, र, ल, व श, ष, स, ह व्यंजन 4 प्रकार के होते हैं स्पर्श व्यंजनअन्तस्थ व्यंजनउष्ण व्यंजनसयुक्त व्यंजनस्पर्श व्यंजन – जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा फेफड़ों से निकलते हुए ,मुख के किसी स्थान विशेष भाग जैसे कंठ ,तालु ,मूर्धा आदि को स्पर्श करते हुए निकले ,उच्चारण के आधार पर उन ध्वनियों को स्पर्श व्यंजन कहते हैं।अन्तस्थ व्यंजन – जिन वर्णो का उच्चारण वर्णमाला के बिवः अर्थात स्वरों व व्यंजनों के बीच स्थित हो जैसे – य, र, ल , वउष्ण व्यंजन – जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय वायु मुख में किसी स्थान विषेश पर घर्सण करे उन्हें उष्ण व्यंजन कहते है जैसे – श, ष, स, ह ।संयुक्त व्यंजन – दो व्यंजनों के सहयोग से मिल कर बने व्यंजनों को संयुक्त व्यंजन कहते है। जैसे – क्ष – क् + ष + अशब्द विचार किसे कहते हैं?शब्द विचार व्याकरण का वह भाग है, जिसमे शब्दों के भेद, अवस्था और व्युत्पत्ति का वर्णन किया जाता हैं। ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्ण-समुदाय को शब्द कहा जाता हैं। शब्द के चार प्रकार हैं उत्पत्ति के आधार परव्युत्पत्ति के आधार परअर्थ के आधार परविकार के आधार परउत्पत्ति के आधार पर शब्दो के 5 भेद हैं तत्सम शब्दतदभव शब्ददेशज शब्दविदेशी शब्दसंकर शब्दतत्सम शब्द :- मूल भाषा (संस्कृत) के वे शब्द जो बिना रूप परिवर्तन के हिन्दी मे प्रयोग किए जाते हैं, तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे – प्रथम, राष्ट्र, भूमि आदि।तदभव शब्द :- ऐसे शब्द जो संस्कृत भाषा के होते हैं और समय के साथ उनमे परिवर्तन हो जाता है, तदभव शब्द कहलाते हैं। जैसे – पहला, काम, माँ आदि।देशज शब्द :- आंचलिक भाषाओं के वे शब्द जो क्षेत्रीय प्रभाव के कारण हिन्दी मे प्रयुक्त होते हैं, देशज शब्द कहलाते हैं। जैसे – खुरपा, गड़बड़, हड़बड़ाहट आदि।विदेशी शब्द :- हिन्दी / संस्कृत भाषा को छोड़कर अन्य दूसरे देशों के भाषाओ के वे शब्द जो हिन्दी मे प्रयुक्त होते हैं, विदेशी शब्द कहलाते हैं। जैसे – रेलवे स्टेशन, हास्टल, डाक्टर, बस आदि।संकर शब्द :- दो अलग – अलग भाषाओं के शब्दो को जोड़कर यदि कोई नया शब्द बनाया जाता है, संकर शब्द कहलाता है| जैसे – रेलगाड़ी, बंबब्लास्ट, अग्निबोट आदि। व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द तीन प्रकार के हैंरूढ शब्दयौगिक शब्दयोगरूढ़ शब्दरूढ शब्द – इस प्रकार के शब्दों मे किसी अन्य शब्दों का योग नहीं होता है। अर्थात इस प्रकार के शब्दों मे संधि, समास, उपसर्ग तथा प्रत्यय का प्रयोग नहीं होता है। जैसे – नल, दिन,कमल आदि।यौगिक शब्द – वे शब्द जो दो रूढ शब्दों के योग से बनते हैं, उन्हे यौगिक शब्द कहते है। इन्हे विच्छेद करने पर प्राप्त शब्द अपना अलग – अलग अर्थ देते हैं। जैसे – विद्यालय, चरणकमल आदि।योगरूढ़ शब्द – वे शब्द जो यौगिक शब्द की ही तरह बनते हैं। लेकिन उसका अपने अर्थ के साथ -साथ एक तीसरा अर्थ और भी निकलता है, योगरूढ़ शब्द कहलाता है। जैसे – गज + आनन = गजानन (गणेश जी)अर्थ की दृस्टि से शब्दों के दो भेद हैंसार्थक शब्दनिरर्थक शब्दसार्थक शब्द – जिन शब्दों का स्वयं का कुछ अर्थ होता है, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं। जैसे – घर, स्कूल, मंदिर, आम इत्यादि।निरर्थक शब्द – जिन शब्दों का अलग कोई अर्थ नहीं होता है, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं। जैसे – टप, मस, चत, मट इत्यादि।विकार के आधार पर शब्द के दो प्रकार हैं विकारी शब्दअविकारी शब्दविकारी शब्द – ऐसे शब्द जिनमे लिंग, वचन, काल एवं कारक के अनुसार बदलाव होता है, विकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे – संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषणअविकारी शब्द – ऐसे शब्द जिनमे लिंग, वचन, काल एवं कारक के अनुसार बदलाव नहीं होता है, अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे – क्रिया विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयबोधक, निपातवाक्य विचार किसे कहते हैशब्दों का ऐसा सार्थक समूह जिससे वक्ता को पूरी बात समझ में आ जाये वाक्य कहलाता है। अथवा सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे अपेक्षित अर्थ प्रकट हो, वाक्य कहलाता है। जैसे-शीला रमेश की बहन है, मैं आज दुकान गया था, माता पिता भगवान का स्वरूप हैंवाक्य के दो प्रकार हैंअर्थ के आधार पररचना के आधार अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य हैं विधान वाचक वाक्यनिषेधवाचक वाक्यप्रश्नवाचक वाक्यविस्म्यादिवाचक वाक्यआज्ञावाचक वाक्यइच्छावाचक वाक्यसंकेतवाचक वाक्यसंदेहवाचक वाक्यविधानवाचक वाक्य – वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है। जैसे- रमा खेल रही हैनिषेधवाचक वाक्य – जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे- बाहर जाना मना है।प्रश्नवाचक वाक्य – वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार प्रश्न किया जाता है, वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है। जैसे – तुम क्या कर रहे होआज्ञावाचक वाक्य – वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना किया जाता है, वह आज्ञावाचक वाक्य कहलाता हैं। जैसे – कृपया शांति बनाये रखेंविस्मयादिबोधक वाक्य – वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता हैं। जैसे -ओह! कितनी ठंडी रात है।इच्छावाचक वाक्य – जिन वाक्यों में किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं। जैसे – आप अच्छे अंको से पास हो।संकेतवाचक वाक्य- जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे – राम का मकान उधर है।संदेहवाचक वाक्य – जिन वाक्यों में संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे – शायद आज बारिश होगी।रचना के आधार पर 3 प्रकार के वाक्य हैं सरल वाक्यसंयुक्त वाक्यमिश्र वाक्यसरल वाक्य- जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय होता है , उसे सरल वाक्य कहते है जैसे सोहन खेलता है।संयुक्त वाक्य- जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है। जैसे राम पढ़ रहा है लेकिन श्याम लिख रहा है।मिश्र वाक्य ऐसे वाक्य जिसमे एक प्रधान उपवाक्य हों, शेष अन्य सभी आश्रित उपवाक्य हों, मिश्र वाक्य कहलाते हैं।तो दोस्तों यहा इस पृष्ठ पर व्याकरण किसे कहते हैं और इसके कितने भेद है के बारे में बताया गया है ये व्याकरण किसे कहते हैं और इसके कितने भेद है आपको कैसा लगा comment करके हमें जरुर बताएं। अगर ये आपको पसंद आया हो तो इस पोस्ट को अपने friends के साथ social media में share जरूर करे। ताकि वे भी व्याकरण किसे कहते हैं और इसके कितने भेद है में जान सके। और नवीनतम अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहे।हिंदी व्याकरण