विशेषण किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे, कि विशेषण किसे कहते हैं ? विशेषण के कितने भेद हैं। हिंदी व्याकरण के लिए विद्यार्थियों को व्याकरण के बारे में सही ज्ञान होना बेहद जरूरी है और इसी वजह से हमने विशेषण से जुडी सभी जानकारी यहाँ दी है। इसलिए Visheshan kise kahate hain को अच्छी तरह से समझने की कोशिश करे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं मे इस टॉपिक से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है। यहां पर आपको Visheshan से संबंधित विभिन्न प्रकार की संपूर्ण जानकारी दी गई हैं।
विशेषण का अर्थ
विशेषण शब्द का अर्थ किसी शब्द की विशेषता को बताना और विशेषण शब्द का काम संज्ञा या सर्वनाम के शब्दों की विशेषता बताना होता है।
रमेश मोटा है। रजनी के पास लाल रंग की कमीज है।
अनिल परिश्रमी लड़का है। मनीषा एक सुंदर लड़की है।
ऊपर दिए गए वाक्यों में मोटा, लाल, परिश्रमी तथा सुंदर शब्द रमेश, रंग, अनिल तथा मनीषा की विशेषता बता रहे है।
विशेषण की परिभाषा
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता या गुण बताते है विशेषण कहलाते हैं।
जैसे – ‘कालाकोट’ और ‘अच्छा लड़का’ में ‘काला’ तथा ‘अच्छा’ शब्द विशेषण है। जिन शब्दो की विशेषता बताई जाती है, उन्हे विशेष्य कहते है। ऊपर के उदहारण में कोट अथवा लड़का शब्द विशेषण है।
- आम मीठा है।
- राम पढ़ने में तेज है।
- कुछ लोग खेलना भी नहीं चाहते।
- लड़का अच्छा गाता है।
- मेरा भाई शहर जा रहा है।
विशेष्य किसे कहते है
विशेषण शब्द जिन संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताते है, उन्हें विशेष्य कहते है; जैसे- रमा के पास एक सुंदर गुड़िया है।
इस वाक्य में सुंदर शब्द गुड़िया की विशेषता बता रहा है अत: ‘गुड़िया’ शब्द विशेष्य है।
प्रविशेषण किसे कहते हैं
विशेषण शब्द की भी विशेषता बतलाने वाले शब्द ‘प्रविशेषण’ कहलाते हैं।
विशेषण के भेद
अर्थ की दृष्टि से विशेषण के पांच भेद होते हैं
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
- व्यक्तिवाचक विशेषण
गुणवाचक विशेषण किसे कहते है
जो विशेषण शब्द संज्ञा/सर्वनाम शब्दों के गुण, अवस्था, रंग, रूप, आकार आदि का बोध कराते है, वे गुणवाचक विशेषण कहलाते है।
जैसे- 1. राम मधुर गीत गाता है। 2. सरिता बहुत बुद्धिमान है।
उपर्युक्त वाक्यों में रंगीन शब्द मधुर तथा बुद्धिमान राम तथा सरिता के गुण बता रहे है।
कुछ गुणवाचक विशेषण
गुण- चचंल, भोला, ईमानदार, चतुर, बुद्धिमान, परिश्रमी आदि।
दोष- मूर्ख, आलसी, दुष्ट, कायर, डरपोक आदि।
अवस्था- कमजोर, मजबूत, बीमार, वृद्धा, युवा, अमीर, गरीब आदि।
रूप-रंग- सुंदर, मनोहर, हरा, काला, कबरा, गोरा, भारी आदि।
आकार- त्रिभुजाकार, चौकार, बड़ा, लंबा, ऊँचा, नीचा आदि।
स्थान- देशी, विदेशी, ग्रामीण, शहरी, राष्ट्रीय आदि।
संख्यावाचक विशेषण किसे कहते है
जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की संख्या बताते है, वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते है।
जैसे- कविता तीसरे नंबर पर है। राम के दो भाई है। पार्क में पाँच हंस है।
यहाँ रंगीन छपे शब्द संज्ञा की संख्या बता रहे है। इन प्राणियों, वस्तुओ को हम गिन सकते है ये विशेषण शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते है।
उदाहरण
- कक्षा में चालीस विद्यार्थी उपस्थित हैं।
- दोनों भाइयों में बड़ा प्रेम हैं।
- उनकी दूसरी लड़की की शादी है।
संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते है-
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
निश्चित संख्यावाचक विशेषण– जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या को प्रकट करते है, निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते है; जैसे- एक, पाँच, सात, बारह, तीसरा, पहला, दूसरा, दस, चार, हजार आदि।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के 6 प्रकार है
1. पूर्णांक बोधक विशेषण जैसे- एक, दस, सौ, हजार, लाख आदि।
- एक लड़का स्कूल जा रहा है।
- पच्चीस रुपये दीजिए।
- कल मेरे यहाँ दो मित्र आएँगे।
- चार आम लाओ
2. अपूर्णांक बोधक विशेषण जैसे- पौना, सवा, डेढ, ढाई आदि।
- मेरी जेब मे ढाई रुपये हैं।
- पापा ने मुझे सवा सौ रुपये दिये ।
- दूधिया ने मुझे डेढ़ ग्राम दूध कम दिया।
3. क्रमवाचक विशेषण जैसे- दूसरा, चौथा, ग्यारहवाँ, पचासवाँ आदि।
- पहला लड़का यहाँ आए।
- दूसरा लड़का वहाँ बैठे।
- राम कक्षा में प्रथम रहा।
- श्याम द्वितीय श्रेणी में पास हुआ है।
4. आवृत्तिवाचक विशेषण जैसे- दुगुना, तिगुना, दसगुना आदि।
- मोहन तुमसे चौगुना काम करता है।
- गोपाल तुमसे दुगुना मोटा है।
5. समूहवाचक विशेषण जैसे- तीनों, पाँचों, आठों आदि।
- तुम तीनों को जाना पड़ेगा।
- यहाँ से चारों चले जाओ।
6. प्रत्येक बोधक विशेषण जैसे- प्रति, प्रत्येक, हरेक, एक-एक आदि।
- प्रत्येक को प्रसाद मिला।
- एक-एक व्यक्ति पनि मे डूब गया।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण– जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की अनिश्चित संख्या को प्रकट करते है, अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहलाते है; जैसे- कुछ, कई, थोड़े-से, बहुत सारे, अनेक, सब, बहुत आदि।
परिमाणवाचक विशेषण किसे कहते है
परिमाणवाचक विशेषण- जो विशेषण शब्द संज्ञाओं की माप बताते है, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है।
जैसे- सोनू का स्कूल 30 मीटर की दूरी पर है। माँ थोड़ी सब्जी दे दीजिए।
ऊपर रंगीन छपे शब्द संज्ञाओं की माप-तोल बता रहे है। ये शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है। इन्हे हम गिन नहीं सकते। ये केवल मापे जा सकते है।
परिमाणवाचक विशेषण के प्रकार
परिमाणवाचक विशेषण 2 प्रकार के होते हैं
- निश्चित परिमाणवाचक विशेषण
- अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण- जो विशेषण शब्द किसी निश्चित परिमाण (माप, तोल, नाप) का बोध कराते है, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है; जैसे- दस मीटर, चार किलो, तीन लीटर, 30 सेंटीमीटर, 5 मीटर कपड़ा आदि।
उदाहरण-
- मेरी पेंट में सवा 2 मीटर कपड़ा लगेगा।
इस वाक्य में पेंट के लिए कपड़ा कितना उपयोग होगा? इसके बारे में पहले से निश्चित नाप है। इस वाक्य में सवा 2 मीटर कपड़ा जो व्यक्ति की पेंट के लिए काफी है और इससे कपड़े की निश्चित मात्रा पता चल रही है। इसलिए इसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण की श्रेणी में रखा गया है।
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण- जो विशेषण शब्द किसी निश्चित परिमाण (माप, तोल, नाप) का बोध नहीं कराते अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है; जैसे- थोड़ा-सा कपड़ा, ढ़ेरों अनाज, बहुत सारा पानी, कुछ फल, बहुत सारे आम, थोड़ा सा गन्ना रस आदि।
उदाहरण-
- सफल होने के लिए बहुत सारी मेहनत करनी पड़ेगी।
इस वाक्य में मात्रा अनिश्चित रूप से बताई गई है। इस वाक्य में बताया गया है कि व्यक्ति को सफल होने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी। लेकिन कितनी मेहनत करनी पड़ेगी? इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मतलब इस वाक्य में बहुत सारी शब्द का प्रयोग अनिश्चित मात्रा को बताने के लिए किया गया है और इसीलिए इस शब्द को अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण का उदाहरण माना जाता है।
सार्वनामिक विशेषण किसे कहते है
जो सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले लगकर उसकी विशेषता बताते है, वे सार्वनामिक विशेषण कहलाते है।
जैसे- 1. यह लड़का मेरा भाई है। 2. उस घर में कौन रहता है।
3. बाहर कोई सज्जन आए हुए है। 4. वह लड़की पढ़ाई में बहुत होशियार है।
यहाँ यह, उस, कोई तथा वह सर्वनाम है, वाक्यों में ये शब्द संज्ञा से पहले आए है। ऐसे शब्द सार्वनामिक विशेषण कहलाते है।
सार्वनामिक विशेषण के दो प्रकार हैं
- मूल सार्वनामिक विशेषण
- यौगिक सार्वनामिक विशेषण
मूल सार्वनामिक विशेषण- जो सर्वनाम बिना किसी रूपांतर के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उसे मूल सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
जैसे- वह लड़कीविद्यालय जा रही है। कोई लड़का मेरा काम कर दे। कुछ विद्यार्थी अनुपस्थित हैं।
उपयुक्त वाक्यों में वह,कोई और कुछ शब्द मूल सार्वनामिक विशेषण हैं।
यौगिक सार्वनामिक विशेषण- जो सर्वनाम मूल सर्वनाम में प्रत्यय आदि जुड़ जाने से विशेषण के रूप में प्रयुक्त होता है उसे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
जैसे- ऐसाआदमी कहाँ मिलेगा? कितने रूपये तुम्हें चाहिए? मुझसे इतना बोझ उठाया नहीं जाता।
व्यक्तिवाचक विशेषण किसे कहते है
जिस विशेषण शब्द से व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द की विशेषता बताता हो तो उसे व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे- भरत जोधपुरी जूती पहनता हैं।
इस वाक्य में जोधपुर व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द है जो जोधपुरी में बदलकर व्यक्तिवाचक विशेषण हो गया है और जो जूती(जातिवाचक संज्ञा) की विशेषता बता रहा है।
तुलना या अवस्था के आधार पर विशेषण के भेद
यह सामान्यता गुणवाचक विशेषण की तुलना की जाती है। अत हम इन्हे गुणवाचक विशेषण के उपभेद भी कह सकते है।
तुलना या अवस्था के आधार पर विशेषण के तीन भेद हैं।
- मूलावस्था विशेषण
- उतरावस्था
- उतमावस्था
मूलावस्था विशेषण- जब किसी एक ही व्यक्ति या वस्तु विशेषता जैसे गुण, दोष शर्म स्वभाव बताने के लिए विशेषण का प्रयोग किया जाता है, तब उसे मूलावस्था कहते हैं।
उदाहरण :- राम सुंदर हैं।
उतरावस्था विशेषण- जब किन्हीं वस्तुओं या व्यक्तियों की आपस में गुण, दोष आदि पर आधारित तुलना की जाती है एवं उनमे से एक को श्रेष्ठ माना जाता है, तब यह उत्तरावस्था कहलाती है।
उदाहरण- राम श्याम से सुंदर हैं।
उतमावस्था विशेषण- जब दो से ज्यादा वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है एवं उनमे से किसी एक को ही सर्वश्रेठ बताया जाता है, तो उसे उत्तमावस्था कहा जाता है।
उदाहरण- राम सबसे सुंदर हैं।
वाक्य में विशेषण के प्रयोग के आधार पर विशेषण के भेद
वाक्य में विशेषण के आधार पर विशेषण के दो भेद है
- विधेय विशेषण
- विशेष्य विशेषण
विधेय विशेषण- जहां विशेषण शब्द विशेष्य के बाद आता हैं। विधेय विशेषण कहलाता हैं।
उदाहरण- लड़का आलसी है।
विशेष्य विशेषण- जहां विशेषण शब्द विशेष्य के पहले आता हैं, उसे विशेष्य विशेषण कहते हैं।
उदाहरण- आलसी लड़के देर तक सोते हैं।
विशेषणों की रचना
कुछ शब्द मूलरूप से ही विशेषण होते है; जैसे- अच्छा, बुरा, सुंदर, चतुर आदि कुछ विशेषण शब्दों की रचना अन्य शब्दों में उपसर्ग-प्रत्यय आदि लगाकर की जाती है।
संज्ञा शब्दों से विशेषण रचना
संज्ञा | विशेषण |
भूख | भूखा |
विष | विषैला |
जीव | जीवित |
प्यास | प्यासा |
लोभ | लोभी |
रंग | रंगीन |
अंत | अंतिम |
निति | नैतिक |
गुण | गुणवती/गुणवान |
सर्वनाम शब्दों से विशेषण रचना
संज्ञा | विशेषण |
वह | वैसा |
यह | ऐसा |
आप | आप-सा |
कौन | कैसा |
मैं | मुझ-सा |
जो | जैसा |
क्रिया शब्दों से विशेषण रचना
संज्ञा | विशेषण |
बिकना | बिकाऊ |
खेलना | खिलाड़ी |
तैरना | तैराक |
सड़ना | सड़ियल |
भूलना | भुलक्क़ड |
टिकना | टिकाऊ |
अव्यय शब्दों से विशेषण रचना
संज्ञा | विशेषण |
नीचे | निचला |
भीतर | भीतरी |
बाहर | बाहरी |
ऊपर | ऊपरी |
पीछे | पिछला |
विशेषण की अवस्थाएं
विशेषण की तीन अवस्थाएं होती हैं। यानी विशेषण को 3 प्रकार से लिखा जा सकता है पहला विशेषण शब्द का सामान्य रूप होता है जिसको हम मूलावस्था कहते हैं। यानी प्रारंभिक अवस्था विशेषण शब्द जब प्रारंभिक अवस्था में लिखा जाता है तब वह उसकी मूल अवस्था कहलाता है। विशेषण शब्द की दूसरी अवस्था को उत्तरावस्था और विशेषण शब्द की तीसरी अवस्था उत्तमावस्था है।
- मूलावस्था = निम्न
- उत्तरावस्था = निम्नतर
- उत्तमावस्था = निम्नतम
मूलावस्था- जब किसी एक ही व्यक्ति या वस्तु विशेषता जैसे गुण, दोष शर्म स्वभाव बताने के लिए विशेषण का प्रयोग किया जाता है, तब उसे मूलावस्था कहते हैं।
यहाँ किन्हीं दो वस्तु या व्यक्ति आदि की तुलना नहीं की जाती है। जैसे- अच्छा, बुरा, सुंदर, वीर, बहादुर, निडर, डरपोक आदि।
उदाहरण- सावित्री सुंदर लड़की है।
उत्तरावस्था- जब किन्हीं वस्तुओं या व्यक्तियों की आपस में गुण, दोष आदि पर आधारित तुलना की जाती है एवं उनमे से एक को श्रेष्ठ माना जाता है, तब यह उत्तरावस्था कहलाती है। जैसे- ज्यादा सुन्दर, अधिक बुद्धिमान, ज्यादा तेज़ आदि।
उदाहरण- रवीन्द्र चेतन से अधिक बुद्धिमान है।
उत्तमावस्था- जब दो से ज्यादा वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है एवं उनमे से किसी एक को ही सर्वश्रेठ बताया जाता है, तो उसे उत्तमावस्था कहा जाता है। जैसे- विशालतम, सबसे सुन्दर आदि।
उदाहरण- पंजाब में अधिकतम अन्न होता है।
अधिक या सबसे अधिक का प्रयोग करके
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
तेज़ | अधिक तेज़ | सबसे अधिक तेज़ |
अच्छा | अधिक अच्छा | सबसे अधिक अच्छा |
वीर | अधिक वीर | सबसे अधिक वीर |
विद्वान | अधिक विद्वान | सबसे अधिक विद्वान |
सुंदर | अधिक सुंदर | सबसे अधिक सुंदर |
साहसी | अधिक साहसी | सबसे अधिक साहसी |
‘तर या ‘तम’ प्रत्यय का प्रयोग करके
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
दीर्घ | दीर्घतर | दीर्घतम |
प्रिय | प्रियतर | प्रियतम |
प्राचीन | प्राचीनतर | प्राचीनतम |
अधिक | अधिकतर | अधिकतम |
महान | महानतर | महानतम |
कोमल | कोमलतर | कोमलतम |
कटु | कटुतर | कटुतम |
तो दोस्तों यहा इस पृष्ठ पर विशेषण किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं के बारे में बताया गया है ये विशेषण किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं आपको कैसा लगा comment करके हमें जरुर बताएं। अगर ये आपको पसंद आया हो तो इस पोस्ट को अपने friends के साथ social media में share जरूर करे। ताकि वे भी विशेषण किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं के बारे में जान सके। और नवीनतम अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहे।