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लिंग की परिभाषा | लिंग के भेद | लिंग के उदाहरण

लिंग की परिभाषा व्याकरण में शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति से संबंधित होने का बोध होता है, उसे लिंग कहते है।

अध्यापक छात्रों को पढ़ा रहे है।                        अध्यापिका पुस्तक पढ़ रही है।  

लड़की खाना खा रही है                                     लड़का पत्र लिख रहा है। 

उपर्युक्त वाक्यों में अध्यापक/अध्यापिका, लड़का/लड़की, रहा है/रही है शब्दों से इनके पुरुष या स्त्री जाति से संबंधित का ज्ञान हो रहा है शब्दों का यही रूप लिंग कहलाता है।

लिंग किसे कहते हैं

शब्द के जिस रूप से उसके स्त्री जाति या पुरुष जाति के होने का बोध हो, उसे लिंग कहते है।

उदाहरण 

  • पुरुष जाति में – बैल , बकरा , मोर , मोहन , लड़का , हाथी , शेर , घोडा , दरवाजा , पंखा , कुत्ता , भवन , पिता , भाई आदि।
  • स्त्री जाति में – गाय , बकरी , मोरनी , मोहिनी , लडकी , हथनी , शेरनी , घोड़ी , खिड़की , कुतिया , माता , बहन आदि।

लिंग के भेद

संसार में तीन जातियाँ होती हैं – (1) पुरुष , (2) स्त्री , (3) जड़। इन्ही जातियों के आधार पर लिंग के भेद बनाए गये हैं।

  • स्त्रीलिंग
  • पुल्लिंग
  • नपुंसकलिंग

पुल्लिंग किसे कहते है?

जिस शब्द से पुरुष जाति का बोध हो उसे पुल्लिंग कहते है; जैसे- पिता, घोडा, स्टेशन, नौकर, अख़बार, पेड़, घर आदि।

कुछ अन्य पुल्लिंग

महीनो के नाम-  जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर ………………….

दिनों के नाम- सोमवार, मंगलवार, बुधवार, वीरवार, शुक्रवार शनिवार रविवार

पहाड़ो के नाम- हिमलय, विंध्याचल, अरावली, विंध्य, महेंद्राचल, शुक्तिमान, ऋक्ष, चित्रकूट ………………….

ग्रहों के नाम- बुध, मंगल, बृहस्पति ………………….

पेड़ों के नाम- आम, नीम, सेब ………………….

देशो के नाम- भारत, चीन, जापान, रूस, भूटान ………………….

समुद्रों के नाम- लाल सागर, अरब सागर ………………….

राज्यों के नाम- आंध्र प्रदेश, बिहार, गोवा, गुजरात , हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश ,जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक ………………….

स्त्रीलिंग किसे कहते है

जिस शब्द से स्त्री जाति का बोध हो उसे स्त्रीलिंग कहते है; जैसे लोमड़ी, चिड़िया, मेज, टोकरी, घोड़ी, चाची, नौकरानी आदि।

कुछ अन्य स्त्रीलिंग

नदियों के नाम- गंगा, गोदावरी, युमना ………………….

भाषाओं के नाम- हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, पंजाबी, उर्दू, फ़ारसी, गुजराती ………………….

कोमल भावो के नाम- दया, करुणा, साधना ………………….

तिथियों के नाम- एकादशी, द्वादशी, त्रयोदश, चतुर्दशी ………………….

कुछ प्राणियों के नाम- मक्खी, कोयल, छिपकली ………………….

बोलियों के नाम-  अवधी, ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, बघेली, हड़ौती,भोजपुरी, हरयाणवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, मालवी

शक्तिसूचक नाम- सेना, पुलिस, समिति …………………

लिपियों के नाम- देवनागरी लिपि, रोमन, सिंधु लिपि, ब्राह्मी लिपि, खरोष्ठी लिपि, गुप्त लिपि, शारदा लिपि, नागरी लिपि, कलिंग लिपि

1. जिन संज्ञा शब्दों के पीछे ‘ई’, ‘इया’ , ‘आवट’ , ‘आइन’ , ‘इन’ , तथा ‘आनी’ प्रत्यय आता है वे स्त्रीलिंग होते है; जैसे- लड़की, गुड़िया, लिखावट, शत्रुता, जेठानी, धोबिन, सहुआइन आदि।

2. कुछ संज्ञा शब्द स्त्री तथा पुरुष के लिए समान रूप में प्रयोग किए जाते है; जैसे- मंत्री , प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, डॉकटर, इंजीनियर, खिलाडी।

3. जिन संज्ञा शब्दों के पीछे ‘आ’ , ‘पन’ , ‘पा’ , ‘अक’ तथा ‘न’ प्रत्यय आता है, वे पुल्लिंग होते है; जैसे- बच्चा, बचपन, बुढ़ापा, अध्यापक, जीवन, नवीन आदि।

4. कुछ संज्ञा शब्द ऐसे होते है, जिनमे नर या मादा लगाकर पुल्लिंग या स्त्रीलिंग का बोध कराया जाता है; जैसे-

नर कौआ —— मादा कौआ                           नर मच्छर ——– मादा मच्छर

नर भालू ——- मादा भालू                           नर खरगोश ——– मादा खरगोश

नपुंसकलिंग किसे कहते है

निर्जीव वस्तुओ को नपुंसकलिंग की श्रेणी में रखा गया है।

जैसे-  कुर्सी, किताब आदि।

परन्तु जब इन शब्दों का किसी भी वाक्य में प्रयोग किया जाता है तो उसका पुल्लिंग और स्त्रीलिंग में विभेद किया जाना जरुरी होता है।

लिंग परिवर्तन के कुछ नियम

पुल्लिंग शब्दों में प्रत्यय जोड़कर उनके स्त्रीलिंग रूप बनाए जाते है; जैसे –

1. ‘आ’ या ‘ई’ प्रत्यय लगाकर  

पुल्लिंग स्त्रीलिंग
छात्रछात्रा
पूज्यपूज्या
लड़कालड़की
बेटाबेटी
सूतसुता
अजअजा
बकराबकरी
नानानानी
अध्यक्षअध्यक्षा

2. ‘इका’ तथा ‘इन’ प्रत्यय लगाकर

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
नायकनायिका
लुहारलुहारिन
सुनारसुनारिन
लेखकलेखिका
सेवकसेविका
कहारकहारिन

3. ‘इया’ तथा ‘नी’ प्रत्यय लगाकर

पुल्लिंग स्त्रीलिंग
बंदरबंदरिया
  डिब्बाडिबिया
शेरशेरनी
 लोटालुटिया
 बूढ़ाबुढ़िया
 ऊँट ऊँटनी
 चूहाचुहिया
मास्टरमास्टरनी
चोरचोरनी
गुडडागुड़िया
मोरमोरनी

4. ‘मती’ तथा ‘वती’ प्रत्यय लगाकर 

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
ज्ञानवानज्ञानवती
आयुष्मानआयुष्मति
श्रीमानश्रीमती
गुणवानगुणवती

5. ‘आइन’ या ‘आनी’ प्रत्यय लगाकर 

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
बाबूबबुआइन
जेठजेठानी
पंडितपंडिताइन
राजपूतराजपूतानी
सेठसेठानी
लालाललाइन
नौकरनौकरानी
साहूकारसहुआइन
देवरदेवरानी
ठाकुरठकुराइन

6. कुछ संज्ञा शब्द ऐसे भी होते है, उपर्युक्त नियमो के अनुसार नहीं बदले जाते। ऐसे शब्द लिंग बदलने पर पूरी तरह बदल जाते है।

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
पितामाता
भाईभाभी
देवतादेवी
नरमादा
आदमीऔरत
विदवानविदुषी

 कुछ संज्ञा शब्द ऐसे है, जो इन नियमो के अनुसार नहीं बदले जाते। लिंग बदलने पर वे पूरी तरह बदल जाते है; जैसे   

पुल्लिंगस्त्रीलिंग
भाईबहन
विदवानविदुषी
राजारानी
पितामाता
पुरुषस्त्री
बैलगाय
ससुरसास
युवकयुवती
वरवधू

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