काल किसे कहते है और इसके भेद कितने हैहिंदी व्याकरण by Gyan Raja - May 30, 20210 काल किसे कहते है और इसके भेद कितने है काल की परिभाषा, काल के भेद और उदाहरण – इस लेख में हम काल और काल के भेदों को उदाहरण सहित जानेंगे। सबसे पहले आइये जानते हैं काल की परिभाषा काल को किस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है – सुनीता कविता पढ़ रही थी। बच्चे पौधे लगा रहे है। कल हम शिमला जाएँगे। उपरोक्त वाक्यों में क्रिया के अलग-अलग रूपों से उसके होने के समय का बोध हो रहा है इसी समय को व्याकरण को काल कहते है। किसी वाक्य में कोई क्रिया कब सम्पन्न हुई, या वह अभी चल रही है अथवा आने वाले समय में होगी, यह सब बाते काल बताता है; जैसे-पढ़ रही थी ——— बीता हुआ समयलगा रहे है ——— वर्तमान समयजाएँगे ———- आने वाला समयकाल के बदलने पर क्रिया का रूप भी बदलता है।काल की परिभाषाक्रिया के जिस रूप से उसके होने के समय का बोध हो, उसे काल कहते है।काल के भेदव्याकरण में काल के 3 भेद हैभूतकालवर्तमान कालभविष्यत कालभूतकाल किसे कहते हैक्रिया के जिस रूप से उसके बीते हुए समय का पता चले, उसे भूतकाल कहते है। जैसे;-लड़कियाँ बहुत शोर मचा रही थी। वह देर रात तक पढ़ रही थी। इन वाक्यों में शोर मचा रही थी तथा पढ़ रही थी शब्दों से क्रिया के बीते हुए समय में होने का बोध हो रहा है। अत: ये क्रियाएँ भूतकाल की है।भूतकाल की परिभाषा- क्रिया के जिस रूप से उसके बीते हुए समय में होने का बोध हो, उसे भूतकाल कहते है।भूतकाल के भेदभूतकाल के 6 प्रकार है सामान्य भूतकालआसन्न भूतकालपूर्ण भूतकालअपूर्ण भूतकालसंदिग्ध भूतकालहेतुहेतुमद् भूतकालसामान्य भूतकाल- जिस क्रिया से क्रिया के सामान्य रूप का वर्तमान में होने का पता चलता है उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं। जैसे- राधा ने गीत गाया।आसन्न भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया अभी कुछ समय पहले ही पूर्ण हुई है, उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं। जैसे- राधा ने अभी खाना खाया है।पूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है की कार्य निश्चित किये गये समय से पहले ही पूरा हो चूका था, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं। जैसे- रोगी ठीक हो चुका था।अपूर्ण भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि काम बीते समय शुरू हुआ था किंतु समाप्त भूतकाल में सूचित न हो उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं। जैसे- अरुण झूठ बोल रहा था।संदिग्ध भूतकाल- क्रिया के जिस रूप से बीते समय में काम होने में संदेह पाया जाए उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं। जैसे- राधा ने पुस्तक पढ़ ली होगी।हेतुहेतुमद् भूतकाल- भूतकाल में एक क्रिया के होने या न होने पर दूसरी क्रिया का होना या न होना निर्भर करता है, तो वह हेतुहेतुमद् भूतकाल क्रिया कहलाती है। जैसे- मैं आगरा जाती तो ताजमहल देखती।वर्तमान काल किसे कहते हैजिस क्रिया से यह पता चले की क्रिया अभी चल रही है या चलती रहेगी, उसे वर्तमान काल कहते है। वह सब्जी बेचता है। कुम्हार मिट्टी के बर्तन बना रहा है। वे रोजाना टहलते है। छात्र खेल रहे है। इन वाक्यों में बेचता है, बना रहा है, टहलते है तथा खेल रहे है शब्दों से क्रिया के चल रहे समय में होने का बोध हो रहा है। अत: ये क्रियाएँ वर्तमान काल की है।वर्तमान काल की परिभाषा क्रिया के जिस रूप से उसके वर्तमान समय में होने यह पता चले की क्रिया अभी चल रही है या चलती रहेगी, उसे वर्तमान काल कहते है।वर्तमान काल के भेदवर्तमान काल के 3 प्रकार हैसामान्य वर्तमानकालअपूर्ण वर्तमानकालसंदिग्ध वर्तमानकालसामान्य वर्तमानकाल- क्रिया के जिस रूप से उसका वर्तमान में होना ज्ञात हो वह सामान्य वर्तमान काल है जैसे- माँ अच्छा खाना बनाती है।अपूर्ण वर्तमानकाल- क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि काम अभी चल रहा है उसे अपूर्ण वर्तमानकाल कहते हैं। जैसे- मैं लिख रही हूँ।संदिग्ध वर्तमान- क्रिया के जिस रूप से बीत रहे समय में किसी काम के होने में संदेह प्रकट हो उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं। जैसे- राधा पढ़ रही होगी।भविष्यत काल किसे कहते हैजो क्रिया अभी होनी है या आने वाले समय में क्रिया के घटने की संभावना हो, उसे भविष्यत काल कहते है; जैसे-आप कब लौटेंगी? महिमा अभी फल लाएगी रात में आँधी आएगी कल हम सब बाहर खाना खाएँगे इन वाक्यों में लौटेंगी, लाएगी, आएगी तथा खाएँगे शब्दों से क्रिया के आने वाले समय में होने का बोध हो रहा है। अत: ये क्रियाएँ भविष्यत काल की है।भविष्यत काल की परिभाषा क्रिया के जिस रूप से उसके आने वाले समय में होने का बोध हो, उसे भविष्यत काल कहते है।भविष्यत काल के भेदभविष्यत काल के 3 प्रकार हैसामान्य भविष्यत कालसंभाव्य भविष्यत कालहेतु-हेतुमद् भविष्यत कालसामान्य भविष्यत् काल-क्रिया के जिस रूप से कार्य के भविष्य में होने का बोध हो उसे सामान्य भविष्यत कहते हैं। जैसे- आज वर्षा होगी।संभाव्य भविष्यत् काल- क्रिया के जिस रूप से कार्य के भविष्य में होने की संभावना का बोध हो तो वहाँ संभाव्य भविष्यत काल होता है। जैसे- आज वर्षा हो सकती है।हेतु-हेतुमद् भविष्यत काल- क्रिया के जिस रुप से यह जाना जाए कि भविष्यत काल की क्रिया का होना किसी दूसरी क्रिया के होने पर आधारित है, उसे हेतुहेतुमद् भविष्यत काल कहते है। जैसे – वह कमाए तो खाए। तो दोस्तों यहा इस पृष्ठ पर काल किसे कहते है और इसके भेद कितने है के बारे में बताया गया है ये आपको कैसा लगा comment करके हमें जरुर बताएं। अगर ये काल किसे कहते है और इसके भेद कितने है आपको पसंद आया हो तो इस पोस्ट को अपने friends के साथ social media में share जरूर करे। ताकि वे भी काल किसे कहते है और इसके भेद कितने है के बारे में जान सके। और नवीनतम अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहे।हिंदी व्याकरण