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क्रिया विशेषण और उसके भेद

क्रिया विशेषण और उसके भेद क्रिया विशेषण की परिभाषा, क्रिया विशेषण के भेद और उदाहरण – इस लेख में हम क्रिया विशेषण और क्रिया विशेषण के भेदों को उदाहरण सहित जानेंगे। सबसे पहले आइये जानते हैं किया विशेषण की परिभाषा क्रिया विशेषण को किस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है –

जोकर जोर-जोर से हँस रहा है।                                         हथिनी धीरे-धीरे चलती है।

वह बहुत खाता है।                                            मैं प्रीतिदिन व्यायाम करती हूँ।

उपर्युक्त वाक्यों में रंगीन शब्द क्रिया के बारे में विशेष जानकारी दे रहे है की क्रिया कब, कहाँ, कितनी और कैसे होती है। ऐसे शब्द क्रिया विशेषण कहलाते है।

क्रिया विशेषण की परिभाषा

जो शब्द क्रिया के होने के काल, स्थान, परिमाण, रीती संबंधी विशेषता बताते है, वे क्रिया-विशेषण कहलाते है।

क्रिया विशेषण क्रिया से पहले लगकर उसकी विशेषता बताते है।  ये अव्यय होते है, लिंग, वचन तथा काल आदि का प्रभाव इन पर नहीं पड़ता।

क्रिया विशेषण के भेद

क्रिया विशेषण के 4 भेद होते है

  1. कालवाचक क्रिया-विशेषण
  2. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
  3. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
  4. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण

कालवाचक क्रिया-विशेषण किसे कहते है

वे शब्द जो क्रिया के होने के समय संबंधी विशेषता बताते है, उन्हें कालवाचक क्रिया-विशेषण कहते है।

जैसे- पिता जी परसों आएँगे                                    गोपाल दिनभर खेलता रहता है।

आज मौसम साफ है।                                 माताजी प्रतिदिन मंदिर जाती है।

उपर्युक्त वाक्यों में परसों, दिनभर, आज और प्रतिदिन शब्द क्रिया के काल की विशेषताएँ बता रहे है, अत: ये कालवाचक क्रिया विशेषण है।

कुछ अन्य कालवाचक क्रिया-विशेषण- कल, परसों, प्रात: शाम, लगातार, सदा, निरंतर, हमेशा, सदैव, आजकल, नित्य, अभी, जब, बार-बार आदि।

स्थानवाचक क्रिया-विशेषण किसे कहते है

वे शब्द जो क्रिया के होने के स्थान संबंधी विशेषता बताते है, वे स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहलाते है।

जैसे- वह पीछे दौड़ रहा है                                           आप सब यहाँ खड़े हो जाइए

खेतो में चारो ओर हरियाली है।                                                 तुम इधर मत देखना

उपर्युक्त वाक्यों में पीछे, यहाँ, चारों ओर तथा इधर क्रिया के होने के स्थान की विशेषता बता रहे है। अत: ये स्थानवाचक क्रिया विशेषण है।

कुछ अन्य स्थानवाचक क्रिया-विशेषण- इधर, उधर, आगे, पीछे, बहार, ऊपर, नीचे, पास , समीप, दूर, जहाँ, वहाँ, आदि।

परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण किसे कहते है

वे शब्द जो क्रिया के होने की मात्रा संबंधी विशेषता बताते है, वे परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण कहलाते है।

जैसे- आज कमल ने थोड़ा ही खाया।                                मैं आज बहुत सोऊँगा।

इस बार पर्याप्त वर्षा हुई।                                       कविता खूब हँसी।

उपर्युक्त वाक्यों में थोड़ा, बहुत, पर्याप्त तथा खूब शब्द क्रिया की मात्रा संबंधी विशेषता बता रहे है अत ये परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण है।

कुछ अन्य परिमाणवाचक क्रिया विशेषण – बिलकुल, जितना, उतना, कम, अधिक, काफी, पर्याप्त, थोड़ा आदि।

रीतिवाचक क्रिया विशेषण किसे कहते है

वे शब्द जो क्रिया के होने की रीती का ज्ञान कराते है; रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहलाते है।

जैसे- सुनीता जोर-जोर से हँसती है।                                वह अचानक घर आ गया।

हिरन तेज दौड़ते है।                                        मेरी बात ध्यानपूर्वक सुनो।

उपर्युक्त वाक्यों में जोर-जोर, अचानक, तेज तथा ध्यानपूर्वक शब्द क्रिया के होने की रीती संबंधी विशेषता बता रहे है अर्थात क्रिया कैसे हुई की जानकारी दे रहे है। अत: ये शब्द रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कहलाते है।

अन्य रीतिवाचक क्रिया विशेषण- निस्संदेह, वस्तुत:, अक्सर, धीरे-धीरे, प्राय:, सहसा, धड़ाधड़, चुपचाप, ठीक, किसलिए, इसलिए, शीघ्रपूर्वक आदि।

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